यह लद्दाख (Ladakh) का वो हिस्सा है जहां सर्दियों में पारा खून जमाने के स्तर तक गिर जाता है, लेकिन देश की सुरक्षा के लिए भारतीय सेना के जवान दिन-रात वहां तैनात रहते हैं। भविष्य में ऐसी कोई परिस्थिति आए तो सेना के हमारे जवानों को ठंड की वजह से कोई दिक्कत न हो इसके लिए सोनम वांगचुक ने एक खास तरह का मिलिट्री टेंट तैयार किया है। सोनम वांगचुक ने अपने ट्विटर हैंडल पर इस मिलिट्री टेंट की तस्वीरें शेयर की हैं। सोनम ने इसे 'सोलर हीटेड मिलिट्री टेंट' नाम दिया है। सोनम के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए बिजनेस मैन आनंद महिंद्रा ने लिखा कि! आपको सलाम।
सोनम ने ट्वीट (Tweet) करते हुए बताया कि रात के 10 बजे जहां बाहर का तापमान -14°C था, टेंट के भीतर का तापमान +15°C था। यानी टेंट के बाहर के तापमान से टेंट के भीतर का तापमान 29°C ज्यादा था। इस टेंट के अंदर भारतीय सेना के जवानों को लद्दाख की सर्द रातें गुजारने में काफी आसानी होगी। इस सोलर हीटेड मिलिट्री टेंट की खासियत यह है कि यह सौर ऊर्जा की मदद से काम करता है। इससे सैनिकों को गर्म रखने के लिए लगने वाले कई टन केरोसिन के उपयोग में भी कमी आएगी और वातावरण में प्रदूषण भी नहीं होगा। इस तरह के एक टेंट के अंदर आराम से 10 जवान रह सकते हैं साथ ही इसमें लगे सारे उपकरण पोर्टेबल हैं, जिसे एक जगह से दूसरी जगह आसानी से ले जाया जा सकता है। यह पूरी तरह 'मेड इन इंडिया' प्रोडक्ट है। सोनम वांगचुक ने इसे लद्दाख में ही रहकर बनाया है। इस टेंट का वजन सिर्फ 30 किलो है, यानी इसे आसानी से एक जगह से दूसरे जगह ले जाया जा सकता है।
बता दें कि वैज्ञानिक सोनम वांगचुक को उनके आइस स्तूप के लिए भी जाना जाता है। उनके इस आविष्कार को लद्दाख में सबसे कारगर माना जाता है। स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट्स ऑफ लद्दाख का केंद्र बिंदु है। लद्दाख में शिक्षा के क्षेत्र में परिवर्तन लाने के लिए वांगचुक का यह आविष्कार क्रांतिकारी कदम माना जाता है
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