कैसे आता है पसीना
जब हमारा शरीर किसी वजह से उसके सामान्य तापमान के मुकाबले गर्म होता है तो हमारा दिमाग उसे सामान्य तापमान में लाने के लिए जो करता है उसकी वजह से हमें पसीना आता है.
हमारे अंदर यह गर्मी कसरत, ज्यादा काम या बाहर की गर्मी की वजह से हो सकती है. ऐसी स्थिति में हमारा दिमाग प्रतिक्रिया करता है और लाखों एक्रीन ग्रंथियों (Eccrine glands) के जरिए पूरे शरीर में पानी छूटता है जिससे हमारे शरीर का तापमान कम हो सके, सामान्य हो सके.
कुछ खास अंगो में पसीने की अलग ग्रंथियांवहीं अगर गर्मी का प्रभाव बना रहता है तो बजाए शरीर के गर्म होने के पसीना गर्म होता है और भाप बनकर उड़ता है जिससे शरीर को गर्मी कम लगती है. लेकिन पसीना आमतौर हमारे कुछ खास अंगों में ज्यादा आता है जैसे की कांख (Armpit) आदि. यहां एपोग्रीन ग्रंथियां (apocrine glands) पसीना पैदा करती है और यहां एक बैक्टीरिया भी बनता है जिसके पसीने से अंतरक्रिया करने के कारण पसीने की बदबू पैदा होती है.
कुछ खास अंगो में पसीने की अलग ग्रंथियांवहीं अगर गर्मी का प्रभाव बना रहता है तो बजाए शरीर के गर्म होने के पसीना गर्म होता है और भाप बनकर उड़ता है जिससे शरीर को गर्मी कम लगती है. लेकिन पसीना आमतौर हमारे कुछ खास अंगों में ज्यादा आता है जैसे की कांख (Armpit) आदि. यहां एपोग्रीन ग्रंथियां (apocrine glands) पसीना पैदा करती है और यहां एक बैक्टीरिया भी बनता है जिसके पसीने से अंतरक्रिया करने के कारण पसीने की बदबू पैदा होती है.
हमेशा पसीने से बदबू नहीं आती
एक्रीन ग्रंथियां की तरह एपोग्रीन ग्रंथियां भी कसरत के दौरान सक्रिय होती हैं. लेकिन एपोक्रीन ग्रंथियां तब भी सक्रिय होती हैं जब हमें भावुक, बेचैन या उत्तेजित मानसिक अवस्था में आ जाते हैं. इसका मतलब यह है कि शारीरिक मेहनत से आने वाला पसीने से बदबू उतनी नहीं आती है जितनी की बेचैनी या उत्तेजना के कारण आने वाले पसीने से.
बीमारी से पसीने का संबंध
कई बार पसीने का संबंध किसी बीमारी से भी होता है कहा जाता है कि दिल की समस्या होने पर पसीना बहुत आता है, लेकिन इसके अन्य कारण भी हो सकते हैं. असामान्य रूप से पसीना आना एक संकेत हो सकता है कि अब आपको डॉक्टर को दिखाने की जरूरत है. इसके साथ ही अन्य लक्षण भी डॉक्टर को आपकी सही समस्या समझने में मदद करेंगे.
क्या अलग अलग लोगों को आता है अलग तरह से पसीना
यह कई कारकों पर निर्भर करता है. लेकिन यह बिलकुल सच है कि अलग अलग लोगों को अगल तरह से या अलग मात्रा में पसीना आता है. जैसे ज्यादा वजन वाले और मोटे लोगों को पसीना ज्यादा आता है. इसके अलावा उम्र, शरीर में मांसपेशियों की मात्रा, स्वास्थ्य संबंधी कारण और फिटनेस स्तर जैसे कई कारक हैं जिनकी वजह से पसीना आने की मात्रा लोगों में अलग अलग पाई जाती है.
बहराल पसीना आना अच्छी बात है और पसीने की वजह से जो बदबू आती है उसका कारण पसीना नहीं पसीने से अंतरक्रिया करने वाले बैक्टीरिया होते हैं और यह बदबू आर्मपिट जैसी जगहों पर खास तौर पर पैदा होती है.
एक्रीन ग्रंथियां की तरह एपोग्रीन ग्रंथियां भी कसरत के दौरान सक्रिय होती हैं. लेकिन एपोक्रीन ग्रंथियां तब भी सक्रिय होती हैं जब हमें भावुक, बेचैन या उत्तेजित मानसिक अवस्था में आ जाते हैं. इसका मतलब यह है कि शारीरिक मेहनत से आने वाला पसीने से बदबू उतनी नहीं आती है जितनी की बेचैनी या उत्तेजना के कारण आने वाले पसीने से.
बीमारी से पसीने का संबंध
कई बार पसीने का संबंध किसी बीमारी से भी होता है कहा जाता है कि दिल की समस्या होने पर पसीना बहुत आता है, लेकिन इसके अन्य कारण भी हो सकते हैं. असामान्य रूप से पसीना आना एक संकेत हो सकता है कि अब आपको डॉक्टर को दिखाने की जरूरत है. इसके साथ ही अन्य लक्षण भी डॉक्टर को आपकी सही समस्या समझने में मदद करेंगे.
क्या अलग अलग लोगों को आता है अलग तरह से पसीना
यह कई कारकों पर निर्भर करता है. लेकिन यह बिलकुल सच है कि अलग अलग लोगों को अगल तरह से या अलग मात्रा में पसीना आता है. जैसे ज्यादा वजन वाले और मोटे लोगों को पसीना ज्यादा आता है. इसके अलावा उम्र, शरीर में मांसपेशियों की मात्रा, स्वास्थ्य संबंधी कारण और फिटनेस स्तर जैसे कई कारक हैं जिनकी वजह से पसीना आने की मात्रा लोगों में अलग अलग पाई जाती है.
बहराल पसीना आना अच्छी बात है और पसीने की वजह से जो बदबू आती है उसका कारण पसीना नहीं पसीने से अंतरक्रिया करने वाले बैक्टीरिया होते हैं और यह बदबू आर्मपिट जैसी जगहों पर खास तौर पर पैदा होती है.
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